3. Students who are interested in getting online coaching for IIT entrance exams can access lectures on Physics, Chemistry, Mathematics and Biology on the official website of National Testing Agency at the link:-
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4. BELOW ARE SOME USEFUL LINKS REGARDING CAREER GUIDANCE
Academic
University Grants Commission •Central Board Of Secondary Education •Delhi University • Jawaharlal Nehru University • National Council for Teacher Education • National Council for Educational Research & Training • Ministry of HRD (Education)
Aviation •Directorate General of Civil Aviation • IATA training • Ministry of Civil Aviation • Indira Gandhi Rashtriya Uran Akademi
Defence • National Defence Academy • Indian Army • Join Indian Army • Indian Air Force • Indian Navy
Engineering • All India Council of Technical Education • The Institutions of Engineers (India) • IIT-Kharagpur • Bureau of Energy Efficiency • Distance Education Council for distance education in Engineering • Joint Entrance Examination (Orissa)
Finance • The Institute Of Chartered Accountant • The Institute Of Company Secretaries of India • National Stock exchange of India • Bombay Stock exchange • Indian Institute of Banking & Finance • Indian Institute of Statistical Institute
IT • NASSCOM • Ministry of IT • DOECC – www.doeacc.edu.in • Centre For Development of Advance Computing • Indian Institute of Technology Madras – www.iitm.ac.in
Law • Supreme Court of India • Ministry of Law & Justice • National Commission for Women • Central Administrative Tribunal
Media • Indian Institute of Mass Commission • Publications Division • DoorDarshan • Directorate Of Advertising and Visual Publicity • Press Information Bureau
Medicine • All India-PMT • AYUSH • Ministry of Health & Welfare • Department of Ayurveda, Yoga & Naturopathy, Unani, Siddha and Homoeopathy (AYUSH) • National Aids Control Organisation • Armed Forces Medical College
Railways • Indian Railways • Indian Railways • Ministry of Railways • IRCON • Indian Railway Catering and Tourism Corporation Ltd.
Retail • Indian Institute of Social Welfare and Business Management, Kolkata • CII Institute of Logistics, Chennai • Gobind Ballabh Pant University • Annamalai University • Indian Institute of Foreign Trade
Science • Jawaharlal Nehru Technological University • IIT Bombay • Mumbai University • Indian School of Mines, Dhanbad • CSIR-UGC (NET) • Indian Council of Medical Research • Birla Institute of Technology, Ranchi • Madurai Kamaraj University, Madurai • Indian Institute of Technology, Kharagpur • Central Institute of Fisheries Nautical and Engineering Training • Bioinformatics Institute of India
Science-IPR/PATENTS • Patent Office, Govt of India • Institute of Intellectual Property Studies, Mumbai • National Law School of India University, Nagarbhavi • Indian Institute of Information Technology, Allahabad (Deemed University)
Self Entrepreneurship • Central Marine Fisheries Research Institute, Kochi • Tata Institute of Social Sciences, Mumbai • Ministry of Labour & Employment (Directorate General of Employment & Training) ADVANCED TRAINING INSTITUTE
Pharmacy • Academy for Clinical Excellence (ACE) • Institute of Clinical Research (ICRI) • Bombay College of Pharmacy • Jamia Hamdarad Islamia • National Institute of Pharmaceutical Education & Research (NIPER). S.A.S. Nagar, Punjab • Guru Jambeshwar University, Hisar
Courtesy: Employmentnews
विज्ञान विषय और कैरियर
निर्माण
साइंस स्कॉलरशिप- राजीव गांधी नेशनल फेलोशिप, एनसीईआरटी जूनियर प्रोजेक्ट फेलोशिप, विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (जेआरएफ प्रोग्राम), इंदिरा गांधी सेंटर फॉर एटॉमिक रिसर्च (जेआरएफ प्रोग्राम), सीएसआईआर स्कॉलरशिप प्रोग्राम, लेडी मेहरबाई डी. टाटा स्कॉलरशिप प्रोग्राम, रमन्ना स्कॉलरशिप प्रोग्राम, फास्ट ट्रैक स्कीम फॉर यंग स्कॉलरशिप, नेशनल सांइस ओलंपियाड, किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाई)
टेक्सटाइल इंजीनियरिंग- भारत में बनने वाले कपडे की बढिया क्वालिटी, डिजाइन आदि के चलते भारतीय कपडे व इससे जुडे कच्चे माल की मांग पूरी दुनिया में है। इसी के चलते यह फील्ड साइंस वर्ग केयुवाओं के लिए बेहतरीन राहें देता है। वे सभी युवा जिनके पास चार वर्षीय बीई (टेक्सटाइल), बीटेक (टेक्सटाइल इंजीनियरिंग), एमई, एमटेक जैसी डिग्रियां हैं या डिप्लेामा डिग्रियां हैं, उनके पास इस क्षेत्र में इंट्री के पूरे मौके हैं।
न्यूक्लियर इंजीनियरिंग- न्यूक्लियर एनर्जी को भविष्य का ऊर्जाविकल्प माना जा रहा है। कम प्रदूषणकारी व ऊर्जा उत्पादन की असीमित क्षमताओं के चलते न्यूक्लियर इंजीनियरिंग में कॅरियर स्कोप बढा है। सांइस (पीसीएम ग्रुप) के स्टूडेंट्स को यह क्षेत्र काफी कुछ ऑफर करता है।
स्पेस इंजीनियरिंग- कृषि, विज्ञान, मेडिकल, जलवायु, डिफेंस जैसे सभी क्षेत्रों के विकास में स्पेस इंजीनियरिंग अप्रत्यक्ष रूप से बडी भूमिका निभाती है। ऐसे में स्पेस इंडस्ट्री विज्ञान वर्ग के छात्रों के लिए उम्दा विकल्प बन चुकी है।
आईटी- यदि आप12वीं सांइस स्ट्रीम से हैं तो कंप्यूटर इंजीनिय¨रग में बीटेक, बीई, एमई, एमटेक जैसे कोर्स कर इस सेक्टर में खुद की स्टेबिलिटी तय कर सकते हैं। देश के साथ विदेशों मे बढती आईटी प्रोफेशनल की मांग के कारण इस क्षेत्र में अच्छी कॅरियर ऑपरच्यूनिटीज पनप रही हैं। फॉरेस्ट्री- वानिकी किसी भी देश की पारिस्थतिकी व अर्थव्यवस्था पर गहरा असर छोडती है। इस कारण सरकारें वनों केप्रबंधन पर आज खास ध्यान दे रही हैं। इस फील्ड में ग्रेजुएट व पीजी कोर्सकरके आप वाइल्ड लाइफ व एनीमल से जुडी अनेक संस्थाओं, वन विभाग, वाइल्ड लाइफ कंसल्टेंट के तौर पर काम के अवसर पा सकते हैं।
एग्रीकल्चर साइंस- देश के कुल जीडीपी में 23 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले एग्रीकल्चर सेक्टर की अहमियत को कम नहीं आंका जा सकता। एग्रीकल्चर साइंस में ग्रेजुएट व पीजी डिग्रीधारकों के लिए कृषि विवि, एनजीओ, एग्रीकल्चर ऑफिसर,रिसर्चर के तौर पर कॅरियर की कई मंजिलें हैं। फिशरीज- ग्लोबलाइजेशन और सी फूड की बढती लोकप्रियता के बीच आज फिशरीज एक फायदेमंद कॅरियर बन चुका है। इस क्षेत्र में प्रोफेशनल्स को फिशरी मैनेजमेंट के साथ फिश जेनेटिक्स, ओसेनोग्राफी, इन्वायरनमेंटल साइंस में भी काम करना होता है।
स्वायल कंजरवेशन- भारत जैसे कृषि प्रधान देश में भूमि की उर्वरता, उसकी क्षमताएं काफी मायने रखती है। यही कारण है कि देश की कई एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज में चलने वाले स्वाइल/वाटर कंजरवेशन कोर्स काफी उपयोगी हो चले हैं। इसके अंतर्गत स्वाइल सर्वे, स्वाइल मैनेजमेंट, हाइड्रोलॉजिक प्लान्स की डिजाइन, रिसर्च जैसे काम आते हैं।
डॉक्टर है पहली पसंद- विकल्पों की बहुलता के बाद भी12वीं (पीसीबी) स्टूडेंटस की पहली पसंद डॉक्टर बनने का होता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जहां12वीं पीसीबी ग्रुप के लोगों को ही जगह मिलती है। इस फील्ड में आप एमबीबीएस, एमएस, एमडी कोर्स करके कॅरियर को बुलंद रुतबा भी दे सकते हैं।
बायोइंफॉर्मेटिक्स- बायोइंफॉर्मेटिक्स एक तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें मॉलीक्यूलर बायोलॉजी के ज्ञान को इंफॉर्मेशन टेक्नोलाजी का कॉन्सेप्ट नईदिशा दे रहा है। इस क्षेत्र में12वीं में सांइस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स को वरीयता मिलती है।
बायोटेक्नोलॉजी- बदलती लाइफस्टाइल में बायोटेक्नोलॉजी की भूमिका व्यापक हुई है। शायद इसके चलते इस फील्ड में इंट्री लेने वाले छात्रों की तादाद भी बढी है। बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी, बीटेक, बीई समेत डिप्लोमा कोर्स के भी ऑप्शन हैं।
बायोकेमिकल इंजीनियरिंग- यहां इंजीनियरिंग के कॉन्सेप्ट व बायोलॉजी की समझ दोनों ही अहम हैं। इस क्षेत्र में उपयुक्त योग्यता रखने वालों के पास बायोटेक्नोलॉजी फर्म्स, बायोलॉजिकल लैब्स, फूड बिवरेज कंपनी, एग्रीकल्चर, केमिकल इंडस्ट्री में जॉब्स के पूरे मौके होते हैं।
फूड टेक्नोलॉजी- बिजी लाइफस्टाइल के बीच पोषण की बढी जरूरतों के कारण फूड टेक्नोलॉजी आज भरोसेमंद कॅरियर बना है। इसके अंतर्गत फूड प्रोसेसिंग,स्टोरेज व प्रिजर्वेशन, पैकेजिंग, डिस्ट्रब्यूटिंग जैसे काम आते हैं। इसमें बीएससी इन फूड टेक्नोलॉजी (3 साल),एमएससी (2साल) जैसे डिग्री कोर्स के साथ कई सर्टिफिकेट कोर्स भी प्रचलित हैं।
साइंस: जरूरत ने बदली तस्वीर- विज्ञान की तेज चाल आज मिथक नहीं बल्कि सुखद सच्चाई है। यही कारण है कि जरूरत के अनुरूप साइंस ने कई नए क्षेत्र डेवलप किए हैं, जिस कारण साइंस के स्टूडेंट्स को कॅरियर च्वाइस के कई विकल्प मिले हैं.. कहा जाता हैकि मानव का पहला अविष्कार पेड के गोल तने से तैयार किया गया पहिया था। वह पहिया जिस पर से लुढकते-लुढकते मानव सभ्यता आज तरक्की क ी रफ्तार पकड चुकी है। तब इंसान को न तो न्यूटन के गति विषयक नियमों की जानकारी थी और न ही घर्षण के सिद्धांत से ही कुछ लेना देना था। बावजूद इसके आवश्यकता का सिद्धांत तो कहीं न कहीं था ही, जिसने तत्कालिक जरूरत के मुताबिक इंसान को अविष्कार करने की सहज प्रेरणा दी। इस दौरान तेजी से वर्गीकरण से साइंस की कई ब्रांचेज भी जन्म ले चुकी हैं। यहां न तो अवसरों की कमी है, न उनसे मिलने वाली सौगातों की। जरूरत है, तो बस रुचि के अनुरूप अपने क्षेत्रों का चयन करके कठिन मेहनत करने की।
इंजीनियरिंग है बैकबोन- इंजीनियरिंग सेक्टर देश की इकोनॉमी काबैकबोन कहलाता है। इसकी अहमियत इसलिए भी हैकि देश की तरक्की में योगदान देने वाले कई सेक्टर इससे जुडे हैं। ये सेक्टर तेज विकास दर और जोरदार इंप्लॉयमेंट पोटेंशियल के चलते युवाओं की खास पंसद बने हुए हैं। 12वीं के बाद इस क्षेत्र की ओर अधिकतर स्टूडेंट्स का रुझान इसी बात को दर्शाता है। इन सबके बीच यदि आप भी इंजीनियरिंग के बहुरंगी संसार में खुद को आजमाना चाहते हैं तो विकल्प ही विकल्प हैं।
डिफेंस साइंस स्ट्रीम है मेन स्ट्रीम- रक्षा क्षेत्र में हमेशा से युवा जोश के साथ-साथ साइंटिफिक सोच की दरकार होती है। यहां बतौर ऑफिसर इंट्री क ी न्यूनतम योग्यता 10+2(सांइस) होती है। इसमें मैथ्स व बायो दोनों ही वर्गो के युवाओं को जगह मिलती है। सेना की मेडिकल कोर, इंजीनियरिंग कोर ,एयरफोर्स में पायलट व अन्य टेक्निकल पोस्ट के लिए साइंस वर्ग के कैंडिडेट्स ही अप्लाईकर सकते हैं। एनडीए, सीडीएस, डायरेक्ट इंट्री स्कीम, एसएसबी जैसे कई माध्यमों से आप सशस्त्र सेनाओं के किसी भी अंग में अपनी जगह बना सकते हैं। इसके अलावा आप कॉलेज में साइंस के लेक्चरर व स्कूलों में साइंस टीचर बनकर आनेवाली पीढी को योग्य बना सकते हैं।
एग्रीकल्चर: द परफेक्ट कॅरियर ऑप्शंस- कृषि आज देश के लोगों को रोजगार देने वाला सबसे बडा जरिया है। कुल जीडीपी में इसका बडा योगदान है। कृषि की विषद उपयोगिता देखते हुए इसके प्रसार को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं। आज इस क्षेत्र में साइंस स्ट्रीम से संबध रखने वाले फ्रेशर्स, एग्रीकल्चर ग्रेजुएट, एक्सपर्ट्स की भारी मांग है।
मेडिकल में जॉब- साइंस ग्रुप में केवल मैथ्स ही नहीं बल्कि बायो स्ट्रीम स्टूडेंट्स के लिए भी अच्छे अवसर होते हैं। अब तक माना जाता था कि बायो स्टूडेंट्स के पास अवसर केवल मेडिकल प्रोफेशनल तक ही सीमित हैं, लेकिन यह धारणा पीछे छूटती नजर आ रही है। इन दिनो बायोलॉजी वर्ग के छात्रों के लिए बायो टेक्नोलॉजी, बायोइंफॉर्मेटिक्स से लेकर फूड प्रोसेसिंग, इन्वायरनमेंटल साइंस, एग्रीकल्चर में शानदार मौके पनप रहे हैं। ये सब ऐसे सेक्टर हैं, जिसमें सिर्फ बायो ग्रुप के स्टूडेंट्स ही कॅरियर बना सकते हैं।
टॉप कॅरियर, टॉप एग्जाम –एआईईईई व आईआईटीजेईई: इंजीनियरिंग क्षेत्र में टॉप जॉब्स के लिए एआईईईई व आईआईटीजेईई महत्वपूर्ण एग्जाम है। देश के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश के लिए हर साल देश के लाखों युवा इन परीक्षाओं भाग लेते हैं।
NEET: 12वीं बायो वर्ग के वे छात्र जो डॉक्टर बन अपनी किस्मत संवारना चाहते हैं, उनके लिए ये परीक्षा सबसे अहम है। ऑल इंडिया लेवल पर इस परीक्षा का आयोजन देश और राज्य स्तर पर किया जाता है। आईएफएस: भारतीय वन सेवा,अखिल भारतीय सेवाओं में आईएएस,आईपीएस की तीसरी कडी है। वहीं राज्य स्तर पर राज्य वन सेवा व अधीस्थ वन सेवा होती हैं। एग्रीकल्चर व फॉरेस्ट्री में कॅरियर देखने वाले कैंडिडेट्स के लिए यह परीक्षा बडी संभावना जगाती है।
आईसीएआर: एग्रीकल्चर में प्रवेश चाहने वाले स्टूडेंट्स के लिए यह परीक्षा अहम होती है। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च यानी आईसीएआर यूजी और पीजी प्रोग्राम के लिए एआईईईए परीक्षा आयोजित करती है। बीआईटीएसएटी: यह परीक्षा भी साइंस स्टूडेंट के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसमें इंजीनियरिंग के अलावा साइंस से रिलेटेड कई तरह के कोर्स की पढाई होती है।
जेएनयू कम्बाइंड बायोटेक्नोलॉजी टेस्ट: बायोटेक्नोलॉजी में प्रवेश पाने वाले स्टूडेंट्स के लिए यह परीक्षा काफी अहम होती है। बायोटेक्नोलॉजी में प्रवेश के लिए आईआईटी और जेएनयू के अलावा देश में कई बडे संस्थान हैं, जिसमें बेहतरीन कॅरियर बनाया जा सकता है।
आईआईएसटी: इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, स्पेस साइंस में रुचि रखनेवाले स्टूडेंट्स को एडमिशन देती है। आप इसमें एडमिशन लेकर स्पेस साइंस से संबंधित कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं|
Fine arts include drawing, painting and sculpture. These fields are each very expansive. Most artists choose to keep their talent alive but alongside take up another career, since there are very few options open where pure painting and sculpture work is concerned. Artists today wish to use their skills in other areas such as commercial art, which is relatively more popular. The use of art to express ideas or rather sell ‘ideas’ has long been used because in general, 85% of our thoughts and views are nurtured by what we ‘see’. Therefore, the use of art is definitely a valuable asset in today’s businesses. A relatively new area – commercial art – is the application of the different types of art media for commercial purposes – such as creating advertisements, billboards, book jackets, window displays, cinema slides, technical catalogues, packaging etc. Someone joining this field would not only need to be a good artist but also be adept in the ‘art of marketing and publicity. The Work Painting involves designing murals, portraits, sceneries using various types of medium and on different surfaces. Sculpting is creating statues, monuments by either chiseling stone or carving wood or handling clay. This is a highly involving and time-consuming task. Modern sculptors use materials like reinforced cement, concrete, white bronze or plaster of Paris, which all give amazing results. Some of the areas that utilise commercial art are: Designer – A designer is someone able to balance artistic talent and training with technical knowledge and business know-how, to meet the industry’s requirements. First priority is given to create something that reaches the commercial and technical standards rather than only being a good work of art. Designers work with people of different disciplines to reach this goal. Graphics – This involves illustration coupled with photography, lettering, designing symbols and logos for companies etc. Entry into the Field Natural interest and talent needs to be enhanced with formal training since this helps foster and embellish the artistic skills. Secondly, being in contact with experts in the field, one gets to feel the pulse of the industry, learn about what the career is like, what is to be expected of them once enter the business world and so on. There are a large number of fine arts courses offered at the certificate, diploma and degree level at a number of institutions. The courses have become more challenging and diverse involving textile designing etc. making the career very inviting. Training in commercial art is given in various schools and is often associated with fine arts. The certificate diploma is of a varying duration of 1-5 years. Details of eligibility criteria for the various institutions. One needs to really enjoy creating and imagining; this is one discipline where learning from others plays an important role in the growing process. One should know how to be radical in their ideas but be practical enough to create original, inspiring work. Art students have a large spectrum of options in front of them, ranging from working in art studios, advertising companies, publishing houses, fashion houses etc. A number of artists chose to be freelance workers; this allows for variety in their projects. Other related careers are teaching, direction, photography, television, clothing and fashion, as art directors for magazines, on-line services, software companies, publishing houses, manufacturers, advertising, promotion and product design. remuneration: This can vary depending on the jobs. Those designing magazine covers can start with a pay of Rs. 3,000 to Rs. 4,000 per month, with the senior level getting around Rs. 10,000 – Rs. 11,000 every month. Freelance artists can be paid ancything from Rs. 2,500 to 15,000. All one need to do is look around – there are endless things one can find.
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